2009-08-20

रुका सफर

दिन चल रहे हैं,
महीने भी बदल रहे हैं।
साल पर साल चढ़ रहे हैं,
कद सभी के बढ़ रहे हैं।
पर मेरा जीवन क्यों रुका है,
क्यों उसमे एक पल झुका है?
जिस पल तुमने कहा था,
ठहरो मैं अभी आता हूँ।

मीठे बोल

दो मीठे बोल किसी को बोलिए उसका खून बढ जाएगा आपका रक्तदान हो जायेगा