2017-06-04

खामोशी

कुछ पल खामोशीयो में खुद से रुबरू होने दो 
मुदद्त से ज़िंदगी के शोर में खुद से मुलकात नही हुई

बाती

जलती बाती है और लोग कहते हैं दिया जल रहा 
दस्तूर दुनिया का है कोई ढ़ल रहा कोई छल रहा

मीठे बोल

दो मीठे बोल किसी को बोलिए उसका खून बढ जाएगा आपका रक्तदान हो जायेगा