2013-08-18

माँ का आँचल

वो माँ का आँचल ही है जो बच्चे को सुख देता है
कभी बच्चे के माथे का पसीना तो कभी बदन की धूल को झाड़ देता है
कभी आंचल में सबसे छुपा के कुछ खाने को देती है माँ
कभी पिता की डाँट से बचने को छुपा लेती है माँ
...
माँ के आंचल में सोने का सुख नई पीढी नही ले पाएगी
जीन्स पेहनने वाली माँ आंचल कहाँ से लायेगी

2013-03-03

सरल स्वभाव

अकड़ में कोई मात्रा नही
पर थोडी थोडी मात्रा में सब में है !!
विनम्रता में दो मात्रा हैं
पर नाममात्र भी किसी में नही!!
...
जीवन की धारा बहती रहती है
पर जीवन जीने की कला किसी में नही !!
हम गुना भाग में उलझे रहते है
सरल स्वभाव किसी में नही !!



मोनिका गुप्ता

मीठे बोल

दो मीठे बोल किसी को बोलिए उसका खून बढ जाएगा आपका रक्तदान हो जायेगा