2016-07-26

लिबास



मैने बहुत से इन्सान देखे है,
जिनके बदन पर लिबास नही होता।
और बहुत से लिबास देखे है,
जिनके अंदर इन्सान नही होता ।
कोई हालात नहीं समझता ,
कोई जज़्बात नहीं समझता ,
ये तो बस अपनी अपनी समझ है ,
कोई कोरा कागज़ भी पढ़ लेता है
तो कोई पूरी किताब नहीं समझता

2016-07-17

बारिश

बारिश की बुन्दों में तुम्हें ढूँढ़ती हूँ
कभी ठहरी बुंदों में तस्वीर तेरी
कभी बरसती बुंदों में तकदीर मेरी



मीठे बोल

दो मीठे बोल किसी को बोलिए उसका खून बढ जाएगा आपका रक्तदान हो जायेगा