2017-06-30

मीठे बोल

दो मीठे बोल किसी को बोलिए
उसका खून बढ जाएगा
आपका रक्तदान हो जायेगा

2017-06-28

random thoughts

नफरत करते तो उसकी एहमियत बढ़ जाती 
मैने उसे माफ कर शर्मिन्दा कर दिया



जब माटी को बारिश की पहली बूंदों ने छुआ 

इत्र ने अपने अस्तित्व की मांगी इक दुआ


किताबों का होता रूहानी मिजाज़ है 
अल्फाज़ गहरे पर ना कोई आवाज़ है


कुछ इस तरह फ़कीर ने ज़िन्दगी की मिसाल दी 
रेत भरी मुठ्ठी में और हवा में ऊछाल दी



अगर आपके साथ कुछ बेहतर नहीं हुआ 
तो यकीन मानिये बेहतरीन होगा



अपने पास एक नजर ही तो है अपनी


क्यूँ देखे ज़िन्दगी को किसी की नज़र से


मैं जो सब का दिल रखता हूँ

सुनो मैं भी एक दिल रखता हूँ
💜💜💜💜



दिलों में रहना सीखो 
गरूर में तो हर कोई रहता है



माना तुमने मुझे अपने से छोटा देखा
या तो दूर से देखा या गरूर से देखा





2017-06-18

एक परी थी


गर्मी की छुट्टियां और नानी दादी का घर .
10-12 बच्चे और चहल पहल
खाना पीना और मौज मस्ती
दोपहर की बेला
खिडकी की मिठी हवा
छत पर चलता पंखा
एक पलंग बहुत मजबूत
10-12 बच्चे और दादी / नानी
सपनो का संसार
कहानी का एक ही किरदार
एक थी परी
अब A.C का कमरा
एक mobile , उसमे तेज दोडती Game
आँख टीकाये बच्चा अकेला दूकेला
कोई सपनो का संसार नहीं

2017-06-04

खामोशी

कुछ पल खामोशीयो में खुद से रुबरू होने दो 
मुदद्त से ज़िंदगी के शोर में खुद से मुलकात नही हुई

बाती

जलती बाती है और लोग कहते हैं दिया जल रहा 
दस्तूर दुनिया का है कोई ढ़ल रहा कोई छल रहा

2017-04-23

*स्त्रियो को समर्पित*

*स्त्रियो को समर्पित*
एक स्त्री द्वारा लिखित बेहद संवेदन शील और अन्दर तक झकझोरने वाला लेख..
मुझे याद नहीं कि बचपन में कभी सिर्फ इस वजह से स्‍कूल में देर तक रुकी रही होऊं कि बाहर बारिश हो रही है। ना। भीगते हुए ही घर पहुंच जाती थी।
और तब बारिश में भीगने का मतलब होता था घर पर अजवाइन वाले गर्म सरसों के तेल की मालिश। और ये विदाउट फेल हर बार होता ही था। मौज में भीगूं तो डांट के साथ-साथ सरसों का तेल हाजिर। फिर जब घर से दूर रहने लगी तो धीरे-धीरे बारिश में भीगना कम होते-होते बंद ही हो गया। यूं नहीं कि बाद में जिंदगी में लोग नहीं थे। लेकिन किसी के दिमाग में कभी नहीं आया कि बारिश में भीगी लड़की के तलवों पर गर्म सरसों का तेल मल दिया जाए। कभी नहीं।
ऐसी सैकड़ों चीजें, जो मां हमेशा करती थीं, मां से दूर होने के बाद किसी ने नहीं की। किसी ने कभी बालों में तेल नहीं लगाया। मां आज भी एक दिन के लिए भी मिले तो बालों में तेल जरूर लगाएं।
बचपन में खाना मनपसंद न हो तो मां दस और ऑप्‍शन देती। अच्‍छा घी-गुड़ रोटी खा लो, अच्‍छा आलू की भुजिया बना देती हूं। मां नखरे सहती थी, इसलिए उनसे लडियाते भी थे। लेकिन बाद में किसी ने इस तरह लाड़ नहीं दिखाया। मैं भी अपने आप सारी सब्जियां खाने लगीं।
मेरी जिंदगी में मां सिर्फ एक ही है। दोबारा कभी कोई मां नहीं आई, हालांकि बड़ी होकर मैं जरूर मां बन गई। लड़कियां हो जाती हैं न मां अपने आप। प्रेमी, पति कब छोटा बच्‍चा हो जाता है, कब उस पर मुहब्‍बत से ज्‍यादा दुलार बरसने लगता है, पता ही नहीं चलता।
उनके सिर में तेल भी लग जाता है, ये परवाह भी होने लगती है कि उसका फेवरेट खाना बनाऊं, उसके नखरे भी उठाए जाने लगते हैं। लड़कों की जिंदगी में कई माएं आती हैं। बहन भी मां हो जाती है, पत्‍नी तो होती ही है, बेटियां भी एक उम्र के बाद बूढ़े पिता की मां ही बन जाती हैं, लेकिन लड़कियों के पास सिर्फ एक ही मां है। बड़े होने के बाद उसे दोबारा कोई मां नहीं मिलती। वो लाड़-दुलार, नखरे, दोबारा कभी नहीं आते।
लड़कियों को जिंदगी में सिर्फ एक ही बार मिलती है मां...

2017-04-16

दुख्ती रग

दुख्ती रग हर कोई आ जाता है दबाने.
जब हमने ज़िक्र किया कि दुखते है पाँव
तो सब पास से गुज़र गये

मीठे बोल

दो मीठे बोल किसी को बोलिए उसका खून बढ जाएगा आपका रक्तदान हो जायेगा