औरों की तरह मुझे भी खिलना है,
एक दिन फूल बन कर फिजा में मिलना है।
अपनी खुशबू से आगन को महका कर,
मुझे भी दिल सबका खुश करना है।
शायद कोई मुझे तोड़ कर दिल किसी का पायेगा,
दिल तो मिल जायेंगे और मुझे पन्नोमें छुपायेंगे ।
रहूँगा हमेशा कागज़ से लिपटकर ,
कहानी में ढल कर सालों साल दोहराएंगे.
प्यार के उपहार में हम सब से ऊपर है,
यही सोच कर हम हर बहार में खिल आयेगे ।