2017-02-23

ज़िन्दगी

ज़िन्दगी चलती सांसों से नहीं
ज़िन्दगी चलती बातों से नहीं
ज़िन्दगी चलती दिखावे से नहीं
ज़िन्दगी चलती छलावे से नही
ज़िन्दगी तो एक धारा है
जो बहती है उन्मुक्त , मदमस्त
रमती है हर पल में
हर कण में
हर क्षण में
हे मानव इसे तू मत बिगाड़ ज़िन्दगी
अपने स्वार्थ से , अपने अहँकार से
बहने दे बहने दे
मोनिका वनीत गुप्ता

मीठे बोल

दो मीठे बोल किसी को बोलिए उसका खून बढ जाएगा आपका रक्तदान हो जायेगा