2016-12-29

अभिमान

बाँधी है घड़ी सबने हाथ में
पर पकड में एक भी पल नहीं
अभिमान क्या करना अपनी हस्ती का
जब किस्मत लिखने का बल नहीं





2016-12-11

bye bye 2016

कु्छ लम्हे सुखने रखे धूप में
कुछ बातें फिर याद आयीं
बदल गया मौसम अचानक
 जब एक कहानी गुनगुनायी

मीठे बोल

दो मीठे बोल किसी को बोलिए उसका खून बढ जाएगा आपका रक्तदान हो जायेगा