2017-01-22

सफलजीवन

हे ईश्वर तुझे क्या करूँ अर्पण,
ऐसी क्या वस्तु आज पूजा में चढाऊँ.
ईश्वर कहते हैं
सब चीज़ें तुझे मेने ही दी है
तेरा अपना तो कुछ नही
चढाना है तो अपना अहंकार चढाओ
जो तेरा अपना ही बनाया है.

2017-01-08

शरद ऋतु

जब हवा के साज़ बजते हैं
मस्त पंछी परवाज भरते हैं
बारिश की बूँदे ड़ाली से गिरती हैं
 मन की हर गांठ ढ़ीली करती हैं
शरद ऋतु आयी है भाने हमें
चलो बातियाऐं और जाने तुम्हे

मीठे बोल

दो मीठे बोल किसी को बोलिए उसका खून बढ जाएगा आपका रक्तदान हो जायेगा