2016-09-25

सुकुन_के_पल

धीरे धीरे चल एे ज़िन्दगी
अभी कुछ ठहरे पल उठाने हैं
कुछ चलते पल रुकाने हैँ
कुछ एहसास दिखाने हैँ
कुछ एहसास छुपाने हैँ
कुछ रंग मिलाने हैँ
कुछ रंग उडाने हैँ
मोनिका वनीत गुप्ता

2016-09-03

my birthday

आस्था के फूल करूँ ईश्वर को अर्पित
कमजोर घड़ियों में प्रभु हो तेरा सहारा
खुशियों के नुपूर बजने लगे रुनझुन
आज है सुनहरा जनम दिन हमारा
जीवन के हर एक पल में
हो अपनों का साथ सदा
यही प्रार्थना करती हूँ
हाथ जोड़ कर सर्वदा
मोनिका गुप्ता

2016-09-02

#बचपन_के_दिन

पेड़ो पर अब फल पकते नही
ताबियत से पत्थर भी अब लगते नहीं
वो बच्चे भी जाने कहाँ गुम हैं
उनसे बाग़ अब सजते नहीं

2016-08-07

मित्रता_दिवस

स्नेह , प्रेम और अटूट बंधन
 पति-पत्नी दो तन एक मन
मित्रता के रंग से और होता गहरा
जैसे धरती पर अम्बर ठहरा
मोनिका_वनीत
#मित्रता_दिवस

2016-07-26

लिबास



मैने बहुत से इन्सान देखे है,
जिनके बदन पर लिबास नही होता।
और बहुत से लिबास देखे है,
जिनके अंदर इन्सान नही होता ।
कोई हालात नहीं समझता ,
कोई जज़्बात नहीं समझता ,
ये तो बस अपनी अपनी समझ है ,
कोई कोरा कागज़ भी पढ़ लेता है
तो कोई पूरी किताब नहीं समझता

2016-07-17

बारिश

बारिश की बुन्दों में तुम्हें ढूँढ़ती हूँ
कभी ठहरी बुंदों में तस्वीर तेरी
कभी बरसती बुंदों में तकदीर मेरी



2016-06-15

ज़िन्दगी

सब  कुछ मिल  जाये  ज़िन्दगी  में  तो  क्या  मज़ा
जीने  के लिये कुछ तो कमी  होनी  जरूरी  है

परिपूर्ण  हो  जाये मन  ऐसा ना हो
कलम चले  तभी  जब तक  कहानी  अधूरी  है

मीठे बोल

दो मीठे बोल किसी को बोलिए उसका खून बढ जाएगा आपका रक्तदान हो जायेगा