2017-03-01

पल

पल वो नहीं जो ढल जाये
पल वो नहीं जो कल आये
पल वो है जो ठहर जाये
रुक जाये , सिमट जाये
यादों में , ख्वाबों में , किताबों में
और अनकही बातों में
मोनिका

2017-02-23

ज़िन्दगी

ज़िन्दगी चलती सांसों से नहीं
ज़िन्दगी चलती बातों से नहीं
ज़िन्दगी चलती दिखावे से नहीं
ज़िन्दगी चलती छलावे से नही
ज़िन्दगी तो एक धारा है
जो बहती है उन्मुक्त , मदमस्त
रमती है हर पल में
हर कण में
हर क्षण में
हे मानव इसे तू मत बिगाड़ ज़िन्दगी
अपने स्वार्थ से , अपने अहँकार से
बहने दे बहने दे
मोनिका वनीत गुप्ता

2017-01-22

सफलजीवन

हे ईश्वर तुझे क्या करूँ अर्पण,
ऐसी क्या वस्तु आज पूजा में चढाऊँ.
ईश्वर कहते हैं
सब चीज़ें तुझे मेने ही दी है
तेरा अपना तो कुछ नही
चढाना है तो अपना अहंकार चढाओ
जो तेरा अपना ही बनाया है.

2017-01-08

शरद ऋतु

जब हवा के साज़ बजते हैं
मस्त पंछी परवाज भरते हैं
बारिश की बूँदे ड़ाली से गिरती हैं
 मन की हर गांठ ढ़ीली करती हैं
शरद ऋतु आयी है भाने हमें
चलो बातियाऐं और जाने तुम्हे

2016-12-29

अभिमान

बाँधी है घड़ी सबने हाथ में
पर पकड में एक भी पल नहीं
अभिमान क्या करना अपनी हस्ती का
जब किस्मत लिखने का बल नहीं





2016-12-11

bye bye 2016

कु्छ लम्हे सुखने रखे धूप में
कुछ बातें फिर याद आयीं
बदल गया मौसम अचानक
 जब एक कहानी गुनगुनायी

2016-11-13

चांद

रात मुझे चांद सा जो कहा तुमने , मेरे हमसफर
 सवेरे जल कर चांद सूरज हो गया , देखो
मोनिका_वनीत

मीठे बोल

दो मीठे बोल किसी को बोलिए उसका खून बढ जाएगा आपका रक्तदान हो जायेगा