2009-07-27

खामोशी


खामोशी की भी कभी सुना करो,
इसमें भी एक बात होती है.
कभी गहराई को समझा करो,
इसमें भी आवाज़ होती है.
तुम तो चल देते हो यूं ही मुहँ मोड़ कर,
हर सुबह की इक सुहानी रात होती है.
जब चाँद आसमान पर आता है ,
हर दिल में कोई आस होती है.
कहना है आंखों से सब कुछ,
इसमें दिल की हाँ होती है .



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मीठे बोल

दो मीठे बोल किसी को बोलिए उसका खून बढ जाएगा आपका रक्तदान हो जायेगा